जीवन - खिवैया
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तुम स्वयं के जीवन-खिवैया, अन्य सदा निरीक्षण न कर सकते, उनको निज बड़े काम
आत्म संभालना एक कला, क्यों फिर निर्देश चाहते, स्वयं को खंगालने का करो प्रयास।
स्व-परीक्षण ही सर्वोत्तम व एक महत्त्वपूर्ण चेष्टा, आत्म से ही बहु-संभावना उदय करनी
अह्न- रात्रि तो बीत ही जाने, इनसे क्या अनिवार्य संभव, मनुज को विचार करना चाहिए।
कैसे निज दत्त पद से अपेक्षित सुकर्म करा सकते, व निज संस्था समृद्ध ही बना सकती
यदि उपस्थिति से वह भी लाभान्वित तो श्लाघ्य, बस समय बिताना है अनुत्पादकता ही।
कार्यकारी दायित्व- निर्वाह कई बिंदु चिन्हन माँगता, संग जुड़े जनों का सहयोग चाहिए
कुछ उच्छृंखल कर्मियों को भड़काते, स्वार्थ में शरारत करते, सरल-चित्त प्रभावित भी।
जीवन एक विराट यज्ञ, उत्तम परिवेश रचनार्थ अनेक भाँति की है आहूतियाँ आवश्यक
मुझे भी बुद्धि से प्रखर-अभिलाषाऐं जनित करनी ही चाहिए, तब पूर्ति हेतु हो शुरू यत्न।
माना कदाचित मनुज जगत-पेंचों में उलझता, स्व-संभव न दिखता, अत्युत्साह न उदित
पर यही तो है लक्ष्य- कसौटी, कैसे विघ्न- जंजाल पाश बावजूद भी चेष्टा प्रखर पाता रख।
जब अस्पष्टता तो चरण-रुद्धता स्वाभाविक, और पुरुष शंकित हो स्वयं को संकुचा लेता
पर निज संग अनेक जीवन समक्ष-परोक्ष जुड़े, विकास-वर्धन में सहायता कर है सकता।
बाधाऐं तो स्पष्ट जीवन-आयाम, पूर्ण-उन्मूलन न, एक हटी तो अन्य समक्ष, उलझता पुनः
पर साहस व आत्म-विश्वास अनिवार्य उपाय, नर निर्भीक-संयमित हो राहें तलाशे निज।
एक सुयोग्य मनुष्य दीर्घ न विचलित रह सकता, स्व- विकास तात्पर्य खोलने द्वार अनेक
फिर लक्ष्य पूर्णता-चिन्हन है तो स्फूर्ति संगिनी होगी, बहुलता होती जाएगी स्वयं उदित।
एक नर को नित सकारात्मक-आशावान, प्रयासी, महद-लक्ष्यी व होना चाहिए दूरदृष्टा
काल संग प्रवाह व अनेक दमित-निराशों में उत्साह है पूरना, तभी तो ज्ञान-फल होगा।
एक सतत व्युत्पत्ति प्राण-शैली बनानी, निज राहें टटोलनी होती, कांतिमान चित्त रखना
एक अनुकूलन सा मनसा-वचसा-कर्मणा में, घबराना न, चुनौती सदा प्रगतिपथ रहना।
मैं भी प्रखर-धारा में गोता खाता, वश भग्न सा, फिर संभलता जब जीवन तो रहूँ कर्मठ
किंतु यह निज पर ही अहसान सा, सदा दमित तो न रह सकता, बढ़ाना ही निज बल।
यहाँ सब संपर्क-संसाधन अपने हेतु ही, प्रयोग करो, शंका-निर्मूलन में कभी न झिझक
जो निज ढ़ोल बजाते, सुने भी जाते, चाहे उत्तम न भी लगे, अतः प्रयास सदैव लाभप्रद।
पवन कुमार,
२९ दिसंबर, २०२२ वीरवार, समय ९:१८ बजे प्रातः
(मेरी डायरी दि० १ सितंबर, २०२२ वीरवार समय ६:४७ बजे प्रातः से)