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Monday 10 June 2024

सुख-वर्षा

सुख-वर्षा

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जिन्दगी की मेरी इस कड़ी में,  कुछ अनूठा मीठा हो जाए

सुनहले ख्वाब घड़े जाऐं, तथा हर सुबह खुशनुमा हो जाए।

 

त्याग दूँ जगत के सब दुःख-झंझटहर पल तभी सुख-वर्षा

 तन-मन भीग जाऐ पूरा ही सिञ्चित हो ख्वाबों का पौधा।

जीवन तो तब भरपूर ही खिलेगा, मात्र इसमें दूँ कुछ मंथन

कर्मठों सम त्वरित चलूँ सोया रहूँ कुंभकर्ण की मानिंद।

 

मेरे मन में कोई रसीलीएक छोटी-बड़ी सी खुशी हो जाए

एक सहज हृदय बालक समसकल नव-अर्जित हो जाए। 

 

जब इतनी सब प्रेरणा हैं सर्वत्रतो क्यों कोई भी तंग-दिली 

कर अन्यों को पुलकितपूरी खोल ही दे दिल की खिड़की। 

 ये सभी जगत-प्राणी तो अपने ही हैंऔर कोई भी  बेगाना 

   यदि मन में प्रेमभाव है तोदुनिया में नहीं कोई भी अनजाना।  

 

दुनिया की सभी खुशियों मेंहम भी पूर्ण-सम्मिलित हो जाऐं 

करें बड़ी कल्लोल-अनुभूतिकोई घड़ी  हाथ से छूट जाए।  

 

सावन का यह सुखदायी मासऔर चहुँ ओर बहार ही बहार 

सबके दिलों में एक सुकून हैऔर नहीं कोई त्राहि का शोर। 

फिर क्यों  सब संग झूम-नाचूँ,  और उन सबका बन जाऊँ 

 मन अति हर्षित विश्व-रचना मेंकमों में  बोझिल बन जाऊँ। 

 

फिर कालि मानिंद शिव-आराधना का कोई मनन कर डालूँ 

शकुंतला के दुष्यन्त प्रेम सा मेघदूत सा अनुपम रच डालूँ। 

माँ शारदा का स्नेह-आशीर्वादप्रतिपल साधक को चाहिए ही 

यह कलम तभी अवरुद्ध चलेगीजब शक्ति स्याही की रहेगी। 

 

गुरु रविंद्र सा पूरा सरल-हृदययूँ उतार दूँ इस प्राणपृष्ठ पर 

लेकर सहारा लेखनी काकुछ मनोरम कर डालूँ कागज पर। 

जब लेखन में कुछ मधुरता होगीबाहर क्रियान्वन भी हो जाए 

जीवन में निष्पादन-शक्ति काफिर विपुल अनुभव हो पाएगा।  

 

इस जन्म से उस जन्म तकसर्वस्व ही यूँ कर्त्तव्यमय हो जाए 

कुछ विराट चिंतन-कर्म की लगनहृदय में अंकित हो जाए। 


 

पवन कुमार,

१० जून२०२४ सोमवारसमय ९:०६ बजे प्रातः 

मेरी नई दिल्ली डायरी १९ अगस्त, २००७, रविवार से )  


7 comments:

  1. Adbhut,Amulya,Anivarchniy

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  2. Ihave read this again and again and awestruck at the depth

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  3. Jai Raghavendra Sharma : आपकी यह कविता स्वर के साथ गई जा सकती है। इसमें यह दो पंक्तियां और सुंदर हो सकती थी:- 1. 'सब दुनिया लगेगी अपनी प्रजा ' के स्थान पर"दुनिया में नहीं कोई अनजाना"
    2.पाएगा के स्थान पर" पाए"
    यह कोई त्रुटि नहीं है
    सिर्फ गायक की सुविधा के लिए है।
    अनेक अनेक शुभकामनाएं

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  4. Ravi Kakar : अति सुंदर व कर्णप्रिय।

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  5. Hari Har Shukla : अतिउत्तम रचना।

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  6. Anil Kumar Gupta : बहुत सुंदर जी

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