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Sunday, 17 November 2024

मनोबल महिमा

मनोबल महिमा 



 हे उच्च मनोबल के नायक, संस्थानों के प्रणेता अपने

आत्मा को दबने न देना, चाहे कैसी भी वेदना हो गहरी।

 

जीवन रणक्षेत्र में विजयी होना, हर रूप में सक्षम बनाना, 

निज प्रेरणा पथ पार कराती है, पहले स्वयं से विजय पाना।

 अपनी हार में जो विशाल आनंद है, वह स्वयं से मिलने में है

सब दंभ हटते, सच्चा रूप दिखता, अंधकार भी जाता हट।

 

माना कुछ क्षीण हम, किंतु सब बाधाऐं हटाता मनोबल,

ज्ञान-चक्षु कराते दर्शन, घावों पर प्रेरणा लगाती मरहम।

हर क्षण घायल होतें, तथापि सशक्त से संघर्ष में डटे रहते,

माना संघर्ष थकाऊ ही, परंतु सबसे बड़ा जीवन-धर्म है

 

मूर्खताजनक मुग्धता न श्लाघ्य, पर आशा करना दोष नहीं, 

अबतक न घटित तो आगे भी न होगा, ऐसा मानना न सही।

क्षमताएँ बढ़ सकती हैं, यदि प्रयास हो निरंतर व स्वाभाविक, 

मनुज सीमाओं से बाहर आया, तभी लब्ध सफलता अद्भुत।

 

मरकर जी उठेंगे, धैर्य नहीं छोडेंगे, बाधाएँ नहीं रोकेंगी पथ 

ठोकरें लगेंगी, काँटे चुभेंगे, मजाक भी होगा, कभी गर्व मर्दन।

अपनी असली दशा जानकर, गंतव्य की दूरी भी पहचान लेंगे,

कौन से उपकरण आवश्यक हैं, जुटाकर उन्हें बलवान बनेंगे।

 

अपना स्तर जान दूसरों की शक्ति आँकेंगे, रण-नीति बनाएंगे, 

न स्वयं को कभी दुर्बल आँकेंगे, परिवेश को सशक्त बनाएंगे।

सब लगें अपने को स्थापित करने में यहाँ, होड़ एक जबरदस्त,

क्षीण पीछे छूट जाता, कमसकम प्रतियोगिता में तो हो चयन।

 

माना अब तक संपर्क अपने जैसों से, पर अब महा-मुकाबला,

सब आयुध सहेजो, शस्त्र पैने करो, समर तो अब शुरू हुआ।

यहाँ कृष्ण-वचन सत्य हैं, 'युद्ध कर', जो बहुतों को देते प्रेरणा,

विशाल सेना तत्पर झपटने को, पर मनोबल है महान प्रणेता।

 

अनीति पर सुनीति की विजय, अंधकार को चीर डालता प्रकाश,

असत्य पर सच्चाई की जयश्री है, मृत्यु भी अमृत से जाती हार।

लुब्ध-प्रवृत्तियों पर ईमानदारी की जीत, परिश्रम से विद्या मिलती, 

सुयश प्राप्त है योग्य कर्मों से, चाटुकारिता कभी काम न आती।

 

मेहंदी का रंग चढ़े धीरे-धीरे, सहज पककर ही तब मीठा होए, 

सुगुण-सुगंध तो स्वतः फैलते हैं, अच्छे-बुरे सभी लाभान्वित होते।

आत्म प्रयासों का ही अधिक सहारा, अन्य भी योग्य का साथ देंगे, 

उत्तम बुद्धि में ज्ञानमय होकर, अपनी प्रतिभा हम मनवा ही लेंगे। 

 

कर्मठता का यश दूर तक फैलेगा, यदि मन में होंगे सच्चे प्रयास,

माना जग में कुछ भेदभाव है, प्रतिभा को भी करने में स्वीकार।

एक दिन मेहनत रंग लाएगी, परम श्लाघ्य को न झुठलाता कोई

देखो कहाँ से कहाँ पहुँच गए हो, घबराने का कोई कारण नहीं।

 

आत्मसम्मान के योग्य बनो, कह सको, "निर्मल प्रयास किया", 

संस्तुति परम-आराध्य की होगी तो सरस्वती-लक्ष्मी भी चलेगी।

मन में हों बहु सकारात्मक भाव, सुकथन का बनाओ संकल्प, 

किसी को रुष्ट करना अनावश्यक, छोटी-मोटी बातें लो सह।  

 

सदैव प्रतिक्रिया अनावश्यक, शांतभाव उच्च-मन का प्रतीक, 

जल में रहकर मगर से शत्रुता मारक, सत्य क्षेम में बहु उन्नति।

वरिष्ठों का आशीर्वाद आवश्यक, सब योग्यों से गुण ग्रहण करो, 

उजले मानव-पक्षों को अपनाओ, बात-बात पर न उद्विग्न ही हों।

 

सभी उद्योग बढ़ाओ सकारात्मक दिशा में, स्थिति को सुदृढ़ करो

संपर्क करो कुछ योग्यों से, सुसंवाद से आत्म परिवेश शुद्ध करो।

जहाँ सूई काम कर सकती अनावश्यक तलवार, ऊर्जा हो संचित,

बहु कर्म अति-बल मांगेंगे, अतः सीमित ऊर्जा को न करो व्यर्थ

 

लाभान्वित हों सहकर्मी भी, राष्ट्र-विभाग का नाम करो उज्ज्वल, 

बनकर नियमित प्रदत्त शुभ कर्त्तव्यों में, आधार खूब करो सुदृढ़।



पवन कुमार,

17 नवंबर, 2024 रविवार समय 11:33 बजे प्रातः 

(मेरी महेंद्रगढ़ डायरी दिनांक 4 जून, 2015 वीरवार समय 8:15 बजे प्रातः से)  


3 comments:

  1. मनोबल गिरने नहीं देंगे, झुकने नहीं देंगे।
    तुम्हारे सानिध्य में आकाश की ऊंचाईयों में उड़ने देंगे।

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  2. Balwan Singh Arya:
    वाह...प्रथम पग ही मूल रूप में कठिन व आधार हैं हर सफर का..जब ठान लो तो प्रत्येक काटा, हर मुश्किल और कष्ट, साध्य का सबब बन जाता हैं...प्रेरणादायक पद्यात्मक रचना...अति सुन्दर पवन जी...!!

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  3. Bharat Sharma:
    यदि आप का मनोबल कमजोर है तो आप कोई निर्णय नहीं ले पाएंगे आप कोई भी काम नहीं कर पाएंगे सही तरीके से।
    कमजोर मनोबल का मतलब है किसी भी काम को करते समय आप उत्साहित महसूस नहीं करोगे। यदि आपने कोई निर्णय लिया है तो आप ऊस निर्णय पर ज्यादा दिन तक टिके नहीं रह पाओगे।
    कमजोर मनोबल की वजह से हम अपनी बुरी आदतों को छोड़ नहीं पाते हैं परिणाम स्वरूप हमारा बौद्धिक विकास रुक जाता है।
    यदि आपका मनोबल मजबूत है तो आप कोई भी निर्णय तेजी के साथ ले पाओगे। मनोबल मजबूत से आप जब भी कोई काम करोगे तो आप अपने अंदर ही अंदर उत्साह महसूस करोगे।
    मजबूत मनोबल के दांव पर किसी भी बुरी आदत को छोड़ना आसान हो जाता है। इससे हमारा शारीरिक और मानसिक विकास अच्छे से हो पाता है।
    जब हमारा मनोबल मजबूत होता है तब हम, हमारे सामने आने वाली चुनौतियों को आसानी से पार कर जाते हैं।
    इसलिए मजबूत मनोबल का हमारे जीवन में होना अत्यावश्यक
    धन्यवाद !

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