यह वर्ष समाप्ति पर आ गया
है, तैयारी विदाई कहने की
नववर्ष आगमन-खुशियाँ,
प्रेरित करती हैं गत भुलाने की॥
शुरू हुई एक निमंत्रण-ऋतु,
चाहे हो क्रिसमस या नववर्ष
चलो तब बाँटें खुशियाँ, कहें हरेक को नववर्ष मंगलमय॥
वर्ष बीता गया मात्र छह दिन
शेष, क्या वृतांत किया मनन
क्या बस मन-विस्मृत, या कर
लोगे किसी पृष्ठ पर अंकन॥
सफ़र तो छोटा न जिंदगी का,
जरुरत बस अनुभव करना
निज को परिभाषा देना, और
सर्व जगत को ही समझना॥
कितना औरों को बनाते
शिक्षित, व खुद शिक्षार्थी कितना
फिर 'शिक्षा' के क्या मायने,
और क्या अपनाते हो दीक्षा॥
आया था प्रथम जनवरी को, बीत
गया है यूँ जैसे हो ही कल
किंतु गर्भ में छिपा ले
गया, अनंत इतिहास को बना अंश॥
भारत-सरकार बदली, वाजपायी आए
गुजराल साहब बाद
प्रबल ही थी जनाकांक्षा, अलग
पार्टी बनी है विधाता-भाग्य॥
आते ही झटके आरंभ, १३
पार्टियों की साँझी वैसे भी कठिन
पोखरण-२ अणु-परीक्षण, १९७४
बाद जगी महत्त्वाकांक्षा तब॥
विश्व-शोर तब पाक भी क्षेत्र
में, किए परीक्षण व शुरू प्रतिबंध
दोनों निर्धन पर युद्ध
अणु-बम स्तर, क्या होगा, सोचा है कब?
तुम्हारे नर भूखें कृपया दो
निवाला, अशिक्षित हैं दो शिक्षा-बम
यह स्व-नष्टन की सोच, क्या
मिला ५० वर्षों की लड़ाई में गत॥
आओ करो मेल, अभी समय, माफ़ न
करेगा इतिहास वरन॥
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