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Friday 26 May 2023

ऋतु-बदलाव

ऋतु-बदलाव 


एक चेष्टा प्रकृति से रूबरू होने की, बसंत बीतता ग्रीष्म में हो रहा आगमन 

  माना २-३ दिन से नभ मेघाच्छादित, सूर्यदीप धुँधला सा तथापि ताप-अनुभव। 


आज प्रातः उषा संग पार्क में देखा, गेंदे-पौधों की पंक्तियाँ उथली सी थी पड़ी 

कुसुम अब सूख रहें, ऊपर बीज आना शुरू हो गया, शनै- जाऐंगे मर ही। 

उपवन में पुष्प-सौंदर्य निश्चितेव प्रभावित होगा, छोटे पौधे शीघ्र प्रभावित होंगे 

जड़ें गहरी होने से बड़े वृक्ष दीर्घ युवा रहतेंबाह्य गर्मी-सर्दी सब झेल हैं लेते। 


अब आधा अप्रैल बीत चुका है, पिछले लगभग एक माह से घर में ही रह रहा 

महामारी कोविड-19 कारण, शासन ने 20 मार्च से लॉकडाउन लगाया हुआ। 

कुछ क्षेत्र खुल रहें कार्यालय जाना होगा, एक तिहाई स्टाफ आने के हैं आदेश 

शायद 3 मई बाद सब कार्यालय शुरू होंगे, कुछ खतरे वाले स्थल छोड़कर। 


मोटे तौर पर प्रकृति ने छह ऋतुऐं बनाई, पर हर दिन में कुछ ना कुछ बदलाव 

कई कारक स्थलों की भौगोलिक स्थिति अनुरूप, भिन्न रूप से डालते प्रभाव 

भूगोल-ज्ञान से ज्ञात, कारक हैं अक्षांश-देशांतर, समुद्र से दूरी तल से ऊँचाई 

अतएव मरुथल-पठार-पर्वत-खेत हैं, मानवकृत कारक शहर-सड़क आदि भी। 


हम 21 मार्च को इक्विनोक्स मानते, दिवस-रात्रि अवधि 12-12 घंटे की एक सम 

सूर्य की पौं फटने और उसके अस्तंगत के मध्य समय को दिवस हैं कहते हम 

अतएव सूर्यास्त उदय के बीच रात्रि हैसंध्या समय सूर्यास्त गोधूलि के मध्य 

हर पल निज में विचित्रता समेटे हुए, स्थूल तौर पर हम कुछ विभाजन देते कर। 


भू के उत्तरी गोलार्ध में 21 मार्च वाले इक्विनोक्स दिन कोहम कहते वसंत विषुव

अब अपसौर बिंदु दक्षिणी गोलार्ध छोड़, उत्तरी गोलार्ध ओर बढ़ता होता प्रतीत। 

दक्षिण गोलार्ध में यह शरद, इसे वहाँ जानते ऑटोमन इक्विनोक्स या शरत विषुव

23 सितंबर को इसका उल्टा है, भूमध्य रेखा सूर्य केंद्र के सामने होती बिलकुल। 


आजकल उत्तरी गोलार्ध में दिवस बढ़ रहे, यहाँ 21 जून तक अह्न-अवधि बढ़ेगी 

अर्थ कि सूर्य अधिक समय धरा-स्थल रहता, तो गर्मी भी अवश्य अधिक होगी। 

भू निज अक्ष से 23.5 झुकीसूर्य उत्तरी गोलार्ध में 23 दिसंबर से 21 जून तक 

अतएव 21 जून से 23 दिसंबर बीच समयसूर्य समक्ष रहता दक्षिणी भू-गोलार्ध  


अतः हर अमुक दिवस रात्रि की अवधि, एक निश्चित अंतराल में रहती बदल 

स्थिति बदलने से प्रकाश-उष्मा के कारणप्रभाव स्वाभाविक प्रतिपल दिन पर 

एक वर्षकाल में पूर्ववर्तियों से समरूपता सी, ऋतुऐं आती कमोबेश निज काल 

हमने गृह-आवास बना लिए, कृत्रिम परिवेश द्वारा अल्प है ऋतु-प्रखरता प्रभाव।  


आज दिनांक यानि 16 अप्रैल' 2020 को दिल्ली में सूर्योदय 5:54 बजे प्रातः हुआ है 

778' पूर्व में शाम 6:47 बजे अस्त है, 282 पश्चिम, 12:53 मिनट कुल अह्न-घंटे।  

चंद्रमा बस 37% दर्शित ही, उदय-काल रात्रि में 2:13 बजे 115 दक्षिण पूर्व दिशा  

रोज दिशा बदलता है, कल दोपहर 12:57 बजे 247 पश्चिम दिशा में अस्त होगा।  


अभी दोपहर के 12:12 बजे, और सूर्य 72 ऊँचाई पर और दिशा 174 दक्षिण है 

और यह दिवस-अवधि बीते कल की अपेक्षा, 11 मिनट 37 सेकण्ड अधिक की है 


यह लघुतम दिवस अर्थात 22 दिसंबर 2019 की अपेक्षा 2 घंटे 33 मिनट ज्यादा लंबा 

ऐसे ग्रीष्म-सक्रांति यानि सबसे बड़े दिन 21 जून की अपेक्षा, 1 घंटा 4 मिनट छोटा 

तात्पर्य कि दिन-अवधि तब 3 घंटे 37 मिनट बढ़ेगी, लघुतम दिवस-अवधि की अपेक्षा

तब दिवस काल 13 घंटे 37 मिनट का,  यानि लघुतम दिन है 10 घंटे 23 मिनट का 


स्थूलतया कह सकते, 6 महीने में लगभग साढ़े 3 घंटे का समय छोटा या बड़ा होता 

और उत्तरी गोलार्ध में 23 दिसंबर सबसे ठंडा दिन, 21 जून सबसे गर्म दिन होगा 

दिल्ली में 1 जून को औसत महत्तम ताप 40-41C, दिसंबर में 22-23 C होता यह 

अतएव न्यूनतम मई-जून में 25-28 C, मई दिसंबर-जनवरी में 7-8 सेल्सियस। 


उपरोक्त से स्पष्ट कि सर्वस्व अस्थिर ही,  प्रति दिवस कुछ कुछ परिवर्तन अवश्य 

यह और बात हम अधिक ध्यान दे पाते, स्थूलतया मात्र एक ही मौसम लेते समझ। 

परिवर्तन तथानुरूप प्रभाव डालते,  हमारी दैहिक-मानसिक-सामाजिक स्थिति पर  

जलवायु-ऋतुऐं सभ्यता-जीवनों पर घना असर डालती, शुरू बदलाव थोड़ी दूरी पर 


खिड़कियों से भिन्न समय पृथक प्रकाश मात्रा आती, सर्द- ठिठुरनगर्मी में झुलस जाते 

गर्मी में जल-बिजली की माँग बहु बढ़ जाती, इनकी किल्लत भी, उमस से हाँफ जाते। 

 तब पंखे-कूलर-वाताकूलन से राहत मिलती,  बहिर्कर्मियों हेतु तो वृक्ष-छाँव ही वरदान 

सर्दी में जम से जाते, घर से निकलने का मन , मोटे-गर्म कपड़े पहनने से ही राहत। 


तो आओ सब दिन मजा लें, प्रकृति-अनुकंपा को हृदयानुभूत कर, बनाऐं सामंजस्यता 

बस एक चेतन जीव भाँति व्यवहार हो, तब एक नवरंग उत्पन्न करेगी हरपल-विचित्रता


 

पवन कुमार,

२६ मई, २०२३ शुक्रवार समय ७:३४ बजे प्रातः

(मेरी डायरी दि० १६ अप्रैल, २०२० वीरवार समय ११ बजे प्रातः से)