Kind Attention:

The postings in this blog are purely my personal views, and have nothing to do any commitment from Government, organization and other persons. The views in general respect all sections of society irrespective of class, race, religion, group, country or region, and are dedicated to pan-humanity. I sincerely apologize if any of my writing has hurt someone's sentiments even in the slightest way. Suggestions and comments are welcome.

Saturday 29 April 2023

मुक्त विकास-द्वार

 मुक्त विकास-द्वार 




एक उत्कृष्ट अभिलाषा उन्नयन हेतुश्रेष्ठतर मनानार्थ सतत चरण-वर्धन 

जीवंत आकांक्षा परम-संभाव्य आत्मसातस्व से ही स्पर्धा उच्च लक्ष्यार्थ। 

 

एक दिव्य-अनुभूतिअपनी ही काष्टा-लाँघनएक निम्न स्थिति से उद्धार 

न्यूनता त्याग विपुल-उपलब्धिदुर्जनता छोड़ सज्जनता का दामन थाम। 

एक संपूर्णता की प्रबल चाहमनुज का दुर्बल-निर्धन स्थिति से हो निजात 

एक उत्तम शिक्षागगन-चुंबन प्रेरणासर्व विवेक प्रशस्त हो कल्याणार्थ। 

 

सर्वत्र दीनता-कृपणतादर्शित व्यर्थ गर्वाभिव्यक्ति सबका शोधन हो श्रेष्ठार्थ 

वसुंधरा का वक्ष-स्थल विपुल साम्राज्यसमुचित उपयोग से  कोई अभाव। 

नर की निकृष्ट-शैली ने उसे अन्त्यज रखावरन विकास-द्वार तो सदैव मुक्त 

स्व पर नेक-निष्ठाउत्तम गुण ग्राह्यतात्रुटि स्वीकारसुधार हेतु नित उद्यत। 

 

श्रेष्ठ-दृष्टिकोण अनर्थ कलह में अरूचिविषम-परिस्थिति में भी चित्त शांत 

कुकाल-निवारण कलास्व-संयोजनऊर्जा-समय का प्रयो सकारात्मक। 

एक विशाल आयोजन हो श्रेष्ठ विद्या का विश्वत्रहर मनुज की पहुँच के अंदर 

पर क्रय-शक्ति सदा वर्धित रहेनिर्वाहन में  कमी अपव्ययता से दूरी बस। 

 

एक सतत विचार इस प्राण का वर्धन होकैसे दीन-मनुजता का हित संभव 

कहाँ पर कितनी बहु सहायता है संभवएक उत्तम उपयोग   अपव्यय। 

कभी भूल से विचलन भी हैस्व को अपराध-भाव से मुक्तिकरण का साहस 

जीवन बालक द्वारा साईकिल चलाना सीखने जैसानित्य नव-प्रयोग भासित। 

 

एक विपुल कल्याण-दृष्टि वृहद मानवता हेतु हीस्व-त्राण भी हित में सर्वत्र 

एक दृढ़ विश्वास मानव की सज्जनता मेंदुराग्रहों का हो परिष्कार सतत। 

माना इतर-तितर मन-कृपणताकलुषता भीतथापि प्रज्ञा-निवेश उत्तम 

हर प्राण का अति महती मूल्यविफल  होने देनापूर्णता-लाभ ही लक्ष्य। 

 

कई सुप्रेरकों से प्रतिदिन परिचयइस लघु स्व को भी हो मनन दान उच्च 

 इच्छा मात्र इतनी है उत्तम सेवा भावदीनता से निकल उत्तम पक्ष दर्शन। 

अनेक महापुरुषों का जीवन-वृत्त अति समृद्धशिक्षा-ग्रहण सदा उपलब्ध 

विश्व-थाती का अल्प अंश स्वार्थ भी प्रयोगमहत्तम हस्तसंभव सके छूट। 

 


पवन कुमार,

२९ अप्रैल, २०२३ शनिवार, समय ०:४५ बजे मध्य रात्रि 

(मेरी महेंद्रगढ़ डायरी दिनांक २६ अप्रैल२०१९शुक्रवार समय :१५ बजे प्रातः)

No comments:

Post a Comment